पूर्वरूप सन्धि- सूत्र- एङः पदान्तादति
नियम- यदि पद के अन्त में स्थित ए ओ के बाद हृस्व अ आये तो दोनों के स्थान पर पूर्वरूप आदेश(ए ओ) हो जाता है। हृस्व अ की पूर्व उपस्थिति के लिए अवग्रह "s" का प्रयोग किया जाता है। उदाहरण-
हरे + अव - हरेsव
विष्णो + अव - विष्णोsव
एते + अपि - एतेsपि
पररूप सन्धि- एङि पररूपम्
नियम-यदि अवर्णान्त उपसर्ग के बाद ए ओ से प्रारम्भ होने वाली धातु आये तो दोनों के स्थान पर पररूप आदेश(ए ओ) हो जाता है। उदाहरण-
प्र + एजते - प्रेजते
उप + ओषति - उपोषति
नियम- यदि पद के अन्त में स्थित ए ओ के बाद हृस्व अ आये तो दोनों के स्थान पर पूर्वरूप आदेश(ए ओ) हो जाता है। हृस्व अ की पूर्व उपस्थिति के लिए अवग्रह "s" का प्रयोग किया जाता है। उदाहरण-
हरे + अव - हरेsव
विष्णो + अव - विष्णोsव
एते + अपि - एतेsपि
पररूप सन्धि- एङि पररूपम्
नियम-यदि अवर्णान्त उपसर्ग के बाद ए ओ से प्रारम्भ होने वाली धातु आये तो दोनों के स्थान पर पररूप आदेश(ए ओ) हो जाता है। उदाहरण-
प्र + एजते - प्रेजते
उप + ओषति - उपोषति

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