गुण स्वर सन्धि- सूत्र-आद् गुणः
यदि अ आ के बाद इ उ ऋ लृ अक्षर आयें या अ आ के बाद इ ई आये तो दोनों के स्थान पर ए,और यदि अ आ के बाद उ ऊ आये तो दोनों के स्थान पर ओ , तथा अ आ के बाद ऋ आये तो दोनों के स्थान पर अर् , और अ आ के लृ आये तो दोनों के स्थान पर अल् हो जाता है। उदाहरण
अ + इ = ए देव+इन्द्र - देवेन्द्र
आ+ इ = ए महा+इन्द्र - महेन्द्र
अ + ई = ए सुर+ईश - सुरेश
आ+ ई = ए रमा+ईश - रमेश
अ + उ = ओ पर+उपकार - परोपकार
आ+ उ = ओ यथा+उक्ति - यथोक्ति
अ + ऋ= अर् देव+ऋषि - देवर्षि
आ+ ऋ= अर् महा+ऋषि - महर्षि
अ + लृ = अल् तव+लृकार - तवल्कार
यदि अ आ के बाद इ उ ऋ लृ अक्षर आयें या अ आ के बाद इ ई आये तो दोनों के स्थान पर ए,और यदि अ आ के बाद उ ऊ आये तो दोनों के स्थान पर ओ , तथा अ आ के बाद ऋ आये तो दोनों के स्थान पर अर् , और अ आ के लृ आये तो दोनों के स्थान पर अल् हो जाता है। उदाहरण
अ + इ = ए देव+इन्द्र - देवेन्द्र
आ+ इ = ए महा+इन्द्र - महेन्द्र
अ + ई = ए सुर+ईश - सुरेश
आ+ ई = ए रमा+ईश - रमेश
अ + उ = ओ पर+उपकार - परोपकार
आ+ उ = ओ यथा+उक्ति - यथोक्ति
अ + ऋ= अर् देव+ऋषि - देवर्षि
आ+ ऋ= अर् महा+ऋषि - महर्षि
अ + लृ = अल् तव+लृकार - तवल्कार
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